Vachan

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Edad: 10-13
Level: Grade 5
Idioma: Hindi (hi)
ID: 553823
01/12/2020
Country code: IN
Country: India
Asignatura: Hindi (1061846)
Tema principal: Vachan (1966722)

Vachan definition
v(1) अकारान्त, आकारान्त (संस्कृत-शब्दों को छोड़कर) तथा एकारान्त संज्ञाओं में अन्तिम 'अ', 'आ' या 'ए' के स्थान पर बहुवचन बनाने में 'अों' कर दिया जाता है। जैसे-
एकवचन.............. बहुवचन
लडका.............. लडकों
घर................ घरों
गधा................ गधों
घोड़ा............... घोड़ों
चोर............... . चोरों

(2) संस्कृत की आकारान्त तथा संस्कृत-हिन्दी की सभी उकारान्त, ऊकारान्त, अकारान्त, औकारान्त संज्ञाओं को बहुवचन का रूप देने के लिए अन्त में 'अों' जोड़ना पड़ता है। उकारान्त शब्दों में 'अों' जोड़ने के पूर्व 'ऊ' को 'उ' कर दिया जाता है।
एकवचन............. बहुवचन
लता.............. लताओं
साधु.............. साधुओं
वधू............... वधुओं
घर............... घरों
जौ............... जौअों

(3) सभी इकारान्त और ईकारान्त संज्ञाओं का बहुवचन बनाने के लिए अन्त में 'यों' जोड़ा जाता है। 'इकारान्त' शब्दों में 'यों' जोड़ने के पहले 'ई' का इ' कर दिया जाता है। जैसे-
एकवचन............. बहुवचन
मुनि............... मुनियों
गली .............. गलियों
नदी............... नदियों
साड़ी.............. साड़ियों
श्रीमती............ श्रीमतियों
वचन की पहचान
वचन की पहचान संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण अथवा क्रिया के द्वारा होती है- यह स्पष्ट है।

(1) हिंदी भाषा में आदर प्रकट करने के लिए एकवचन के स्थान पर बहुवचन का प्रयोग किया जाता है।

जैसे-
गाँधी जी हमारे राष्ट्रपिता हैं। पिता जी, आप कब आए ? मेरी माता जी मुंबई गई हैं।
शिक्षक पढ़ा रहे हैं। डॉ० मनमोहन सिंह भारत के प्रधानमंत्री हैं।

(2) कुछ शब्द सदैव एकवचन में रहते है।

जैसे-
आकाश में बादल छाए हैं।
निर्दलीय नेता का चयन जनता द्वारा किया गया।
नल खुला मत छोड़ो, वरना सारा पानी खत्म हो जाएगा।
मुझे बहुत क्रोध आ रहा है।
राजा को सदैव अपनी प्रजा का ख्याल रखना चाहिए।
गाँधी जी सत्य के पुजारी थे।

(3) द्रव्यवाचक, भाववाचक तथा व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ सदैव एकवचन में प्रयुक्त होती है।

जैसे-
चीनी बहुत महँगी हो गई है।
पाप से घृणा करो, पापी से नहीं।
बुराई की सदैव पराजय होती है।
प्रेम ही पूजा है।
किशन बुद्धिमान है।

(4) कुछ शब्द सदैव बहुवचन में रहते है।

जैसे-
दर्दनाक दृश्य देखकर मेरे तो प्राण ही निकल गए।
आजकल मेरे बाल बहुत टूट रहे हैं।
रवि जब से अफसर बना है, तब से तो उसके दर्शन ही दुर्लभ हो गए हैं।
आजकल हर वस्तु के दाम बढ़ गए हैं।

वचन सम्बन्धी विशेष निर्देश
(1) 'प्रत्येक' तथा 'हरएक' का प्रयोग सदा एकवचन में होता है। जैसे-
प्रत्येक व्यक्ति यही कहेगा;
हरएक कुआँ मीठे जल का नहीं होता।

(2) दूसरी भाषाओँ के तत्सम या तदभव शब्दों का प्रयोग हिन्दी व्याकरण के अनुसार होना चाहिए।
उदाहरणार्थ, अँगरेजी के 'फुट'(foot) का बहुवचन 'फीट' (feet) होता है किन्तु हिन्दी में इसका प्रयोग इस प्रकार होगा- दो फुट लम्बी दीवार है; न कि 'दो फीट लम्बी दीवार है'।

(3) प्राण, लोग, दर्शन, आँसू, ओठ, दाम, अक्षत इत्यादि शब्दों का प्रयोग हिन्दी में बहुवचन में होता है।
जैसे- आपके ओठ खुले कि प्राण तृप्त हुए।
आपलोग आये, आर्शीवाद के अक्षत बरसे, दर्शन हुए।

(4) द्रव्यवाचक संज्ञाओं का प्रयोग एकवचन में होता है।
जैसे- उनके पास बहुत सोना है;
उनका बहुत-सा धन बरबाद हुआ;
न नौ मन तेल होगा, न राधा नाचेगी।

किन्तु, यदि द्रव्य के भित्र-भित्र प्रकारों का बोध हों, तो द्रव्यवाचक संज्ञा बहुवचन में प्रयुक्त होगी।
जैसे- यहाँ बहुत तरह के लोहे मिलते है। चमेली, गुलाब, तिल इत्यादि के तेल अच्छे होते है।

Otros contenidos: Vachan meaning

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